जयपुर, जिसे "गुलाबी नगरी" कहा जाता है, राजस्थान की राजधानी है। इसे 1727 में महाराजा सवाई जय सिंह द्वितीय ने बसाया। यह भारत का पहला योजनाबद्ध शहर है, जिसे वास्तुशास्त्र और शिल्पशास्त्र के आधार पर डिजाइन किया गया। जयपुर का नाम इसके संस्थापक के नाम पर रखा गया है। इसे गुलाबी रंग में रंगा गया था, जो अतिथि सत्कार का प्रतीक है, 1876 में प्रिंस ऑफ वेल्स की यात्रा के दौरान। जयपुर अपनी शानदार हवेलियों, किलों, जैसे आमेर किला, सिटी पैलेस और जंतर मंतर के लिए प्रसिद्ध है। यह शहर राजस्थानी संस्कृति और विरासत का अद्भुत प्रतीक है।
जयपुर का इतिहास
जयपुर, जिसे "पिंक सिटी" (गुलाबी शहर) के नाम से जाना जाता है, भारत के राजस्थान राज्य की राजधानी है। इसका इतिहास अत्यंत समृद्ध और गौरवशाली है। जयपुर की स्थापना 1727 ईस्वी में आमेर के राजा सवाई जय सिंह द्वितीय ने की थी। यह शहर भारत का पहला योजनाबद्ध नगर था और इसे वास्तुकला और शहरी योजना के क्षेत्र में एक उत्कृष्ट उदाहरण माना जाता है।
स्थापना और योजना
1. संस्थापक: सवाई जय सिंह द्वितीय एक विद्वान राजा थे, जो खगोलशास्त्र और वास्तुशास्त्र में रुचि रखते थे। उन्होंने आमेर से राजधानी को जयपुर स्थानांतरित किया, क्योंकि आमेर की भौगोलिक स्थिति और जल संसाधन सीमित थे।
2. वास्तुकार: जयपुर का डिज़ाइन बंगाली वास्तुकार विद्याधर भट्टाचार्य ने किया था। यह शहर भारतीय वास्तुकला और शिल्पशास्त्र के साथ-साथ ग्रिड सिस्टम पर आधारित है, जो शहरी योजना का एक आदर्श उदाहरण है।
3. गुलाबी रंग: 1876 में प्रिंस ऑफ वेल्स (बाद में किंग एडवर्ड VII) के स्वागत में शहर के भवनों को गुलाबी रंग से रंगा गया था। तभी से इसे "गुलाबी शहर" कहा जाने लगा।
प्रमुख ऐतिहासिक स्थल
1. आमेर किला: जयपुर से कुछ ही दूरी पर स्थित यह किला शहर के पहले राजघराने का निवास स्थान था। इसका निर्माण महाराजा मानसिंह ने शुरू किया था।
2. सिटी पैलेस: यह जयपुर का मुख्य महल है, जहां आज भी राजपरिवार रहता है। इसमें संग्रहालय और शाही अस्त्र-शस्त्र का प्रदर्शन भी होता है।
3. जंतर मंतर: यह खगोलीय वेधशाला सवाई जय सिंह द्वितीय द्वारा बनाई गई थी और इसे यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल का दर्जा प्राप्त है।
4. हवा महल: 1799 में महाराजा सवाई प्रताप सिंह द्वारा निर्मित यह महल महिलाओं के लिए बनाया गया था ताकि वे झरोखों से बाजार और उत्सव देख सकें।
5. नाहरगढ़ और जयगढ़ किला: ये किले शहर की सुरक्षा और सैन्य शक्ति के प्रतीक हैं।
संस्कृति और विरासत
जयपुर अपनी समृद्ध सांस्कृतिक विरासत, राजपूत परंपराओं और वास्तुकला के लिए प्रसिद्ध है। यहाँ का जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल और काइट फेस्टिवल (मकर संक्रांति) भी प्रसिद्ध है। जयपुर में हस्तशिल्प, आभूषण, ब्लू पॉटरी और राजस्थानी वस्त्रों की परंपरा भी देखने को मिलती है।
आधुनिक युग में जयपुर
2019 में जयपुर को यूनेस्को विश्व धरोहर शहर का दर्जा दिया गया। यह शहर अब भी अपनी ऐतिहासिक और सांस्कृतिक धरोहर को संजोए हुए है और पर्यटन का एक प्रमुख केंद्र है।
जयपुर का इतिहास उसके किलों, महलों, और संस्कृति में बसता है, जो इसे भारत के सबसे आकर्षक शहरों में से एक बनाता है।
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